लेखक:
महीपाल सिंह राठौड़
महीपाल सिंह राठौड़ का जन्म 1972 ई. गाँव-चुई जिला नागौर (राज.) में हुआ। शैक्षणिक योग्यता : जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से एम.ए. हिंदी, एम.ए. पत्रकारिता, पी-एच.डी.-‘लोक देवता पाबूजी एवं उनसे संबंधित साहित्य का मूल्यांकन।’ मौलिक कृतियाँ : गणगौर के लोकगीत, लोक देवता पाबूजी, डिंगल परंपरा, राग बदलती रातां (राजस्थानी कविता संग्रह)। लोक देवता तेजाजी, मीराँ शतक, ऊमा रा आखर, डियल काव्य परपरा एक अनुशीलन, लोक सांस्कृतिक परंपरा एक अनुशीलन, मेड़तियों के गौरव गीत, लोक को समर्पित ‘लूर’ पत्रिका के 10 विशेषाँकों का संपादन। विविध विषयों पर रेडियो वार्ताओं व कविता पाठ का प्रसारण। सम्मान : राजस्थानी भाषा और साहित्य में विशेष योगदान के लिए वीर दुर्गादास समिति द्वारा रजत पदक से सम्मानित। संप्रति : एसोसिएट प्रोफेसर हिंदी विभाग, जयनारायण व्यास विश्वधिद्यालय, जोधपुर। |
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लोक संस्कृति के विविध आयाममहीपाल सिंह राठौड़
मूल्य: $ 9.95 |